बुधवार, 22 जनवरी 2025

सूरजपुर पुलिस व परिवहन विभाग के द्वारा की गई स्कूली बसों चेकिंग।

 

सूरजपुर। स्कूली छात्र छात्राओं के सुरक्षित आवागमन को ध्यान में रखते हुए *उप पुलिस महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने स्कूली बसों की सुरक्षा इंतजाम को पुख्ता करने के निर्देश दिए है। बुधवार, 15 जनवरी 2025 को स्कूली छात्र छात्राओं के सुरक्षित लेकर यातायात पुलिस एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों के द्वारा संयुक्त रूप से स्कूल बस का जांच शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें स्कूलों के बच्चों को परिवहन करने वाले 16 बसों का जांच किया गया है। जांच शिविर के दौरान सर्व प्रथम वाहनों का रजिस्ट्रेशन चेक किया गया तत्पश्चात स्कूल बसों के दस्तावेजो की जांच की गई। जांच के दौरान वाहन का रजिस्टेशन, परमिट, फिटनेश, बीमा, पीयूसी, रोड टैक्स, वाहन चालक का लायसेंस चेक किया गया।
           शिविर में स्कूली बसों का मैकनिकल फिटनेश जांच किया गया जिसके अंतर्गत हेड लाईट, ब्रेक लाईट, पार्किग लाईट, इन्डिकेटर लाईट, बैक लाईट, मीटर, स्टेरिंग की स्थिति, टायर की स्थिति, क्लच, ऐक्सीलेटर, सीट की स्थिति, हॉर्न की स्थिति, वॉयपर एवं वाहन में आगे पीछे रिफ्लेक्टर लगा है कि नहीं चेक किया गया। चेंकिग के क्रम में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप जैसे वाहन में जीपीएस, सीसीटीवी कैमरा, स्पीड गर्वनर, प्रेर्शर हार्न, आपातकालीन खिडकी, स्कूल का नाम, टेलीफोन नंबर, चालक का मोबाईल नंबर, फर्स्ट ऐड बॉक्स, अग्नि शमन यंत्र, स्कूल बस के आगे पीछे स्कूल बस लिखा है की नहीं चेक किया गया। इस दौरान यातायात पुलिस के द्वारा स्कूल बस के चालकों को यातायात संकेत, यातायात सिग्नल के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए वाहन चालन के दौरान लापरवाही न करने, कंडक्टर के द्वारा दरवाजे पर खड़ा ना रहने, स्कूल बच्चे को सुरक्षित उतारने चढ़ाने, नियंत्रित गति में सीट बेल्ट लगाकर वाहन चलाने एवं किसी भी प्रकार का नशीली पदार्थ का सेवन ना करने हेतु समझाइश दिया गया। इस दौरान आरटीओ निरीक्षक मोहम्मद आबिद खान, एएसआई बृजकिशोर पाण्डेय व उनकी टीम सक्रिय रहे।
ड्राईवरों के ऑखों की गई जांच। स्कूली बस चेकिंग के दौरान उपस्थित 16 स्कूली वाहन चालकों के आंखों की जांच नेत्र चिकित्सक डॉ. विजय राजवाड़े के द्वारा किया गया। कुछ चालकों के पास-दूर देखने की समस्या पर चश्मा लगाने की समझाईश देते हुए दवाई उपलब्ध कराया गया।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।