शनिवार, 6 अप्रैल 2024

हत्या के आरोपी को थाना रामानुजनगर पुलिस ने किया गिरफ्तार।

सूरजपुर। ग्राम दुर्गापुर रामानुजनगर निवासी भगमनिया ने थाना रामानुजनगर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 25.03.2024 को होली के त्यौहार में पड़ोसी रिश्ते के काका जगलाल सिंह के बुलावे पर शाम को अपने पति मोतीलाल के साथ गई थी जहां जगलाल व उसके परिजन खा पी रहे थे। जहां से यह अपने घर आ गई कुछ समय बाद इसका लड़का पिताजी को बुलाकर लाता हॅू कहकर जगलाल के घर गया जहां से दौडते हुए आया और बताया कि पिताजी को टांगा से कोई मार दिया है जिसके बाद सभी वहां पहुंचे। जगलाल की पत्नी बताई कि मामा-भांजा किसी पुरानी बात को लेकर विवाद करने लगे और जगलाल घर से टंगिया/टांगा निकाल कर मोतीलाल को मारकर हत्या कर दिया। प्रार्थियां की रिपोर्ट पर अपराध क्रमांक 60/24 धारा 302 भादसं. के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। वारदात को अंजाम देने के बाद से ही आरोपी फरार था।
उप पुलिस महानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री एम.आर.आहिरे (भा.पु.से.) ने फरार आरोपी की पतासाजी कर जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व एसडीओपी प्रेमनगर नरेन्द्र सिंह पुजारी के मार्गदर्शन में थाना रामानुजनगर की पुलिस मामले की विवेचना करते हुए आरोपी की खोजबीन में लगी थी इसी बीच मुखबीर की सूचना पर आरोपी जगलाल सिंह पिता स्व. अतिबल उम्र 58 वर्ष ग्राम दुर्गापुर, थाना रामानुजनगर को घेराबंदी कर पकड़ा गया। पूछताछ पर आरोपी ने वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया जिसके निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त टांगा जप्त कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी रामानुजनगर प्रकाश राठौर, एएसआई मनोज पोर्ते व अन्य सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।