बुधवार, 19 जुलाई 2023

चोरी के 2 आरोपियों को थाना सूरजपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार

सूरजपुर। स्थानीय लंकापारा निवासी गौरव महलवाला ने थाना सूरजपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि दिनांक 09.02.23 को अपने परिजन के साथ घर से बाहर गया था घर में कामवाली बाई ज्ञानमति उर्फ सपना थी जब वापस आकर कमरे में गया तो देखा कि आलमारी में रखा 4 नग सोने की अंगूठी एवं 50 हजार रूपये नगदी नहीं था, कामवाली बाई पर चोरी का संदेह व्यक्त किया। प्रार्थी की रिपोर्ट पर धारा 381 भादसं. के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री आई कल्याण एलिसेला ने मामले का जल्द खुलासा करने के निर्देश थाना प्रभारी सूरजपुर को दिए। थाना सूरजपुर पुलिस ने विवेचना के दौरान संदेही ज्ञानमति को दबिश देकर पकड़ा। पूछताछ पर उसने बताया कि प्रार्थी के घर के आलमारी से 4 नग सोने की अंगूठी एवं 50 हजार रूपये नगदी की चोरी कर अपने पति अमर सिंह को दी है। जिसके बाद पुलिस ने अमर सिंह को पकड़ा, पूछताछ पर उसने 50 हजार रूपये में से 30 हजार रूपये की स्कूटी खरीदना और 20 हजार रूपये को खर्च कर देना बताया। आरोपियों के निशानदेही पर चोरी का 4 नग सोने की अंगूठी, 1 नग स्कूटी कीमत 70 हजार रूपये का जप्त कर आरोपी ज्ञानमति उर्फ सतना राजवाड़े पति अमर सिंह उम्र 29 वर्ष, अमर सिंह उर्फ अमर देवांगन पिता भीमप्रकाश उम्र 29 वर्ष निवासी ग्राम नेवरा, थाना सूरजपुर को गिरफ्तार किया गया। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी सूरजपुर लक्ष्मण सिंह धुर्वे, एसआई सुनीता भारद्वाज, प्रधान आरक्षक मोहम्मद तालिब शेख, अदीप प्रताप सिंह, आरक्षक लक्ष्मीनारायण मिर्रे, राम कुमार नायक, राधेश्याम साहू, महिला आरक्षक चिंता पैकरा सक्रिय रहे। 

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।