सूरजपुर। दिनांक 10.08.2022 को विश्रामपुर निवासी अलमा रेनू टोप्पो ने थाना विश्रामपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि बिलासपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही है इसके साथ रायगढ़ निवासी निलेश बेहरा और भटगांव निवासी सूरज गुप्ता भी पढ़ते है इन दोनों के साथ यशवंत सोनवानी घुमता फिरता है, मई 2022 में इसके दोनों साथ निलेश व सूरज ने इसे बताया कि यशवंत सोनवानी कई लोगों की नौकरी लगवा चुका है इनका भी लगवा रहा है तुम्हारा भी एसईसीएल में नौकरी लगवा देगा, यह दोनों के बातों में भरोसा कर ली, दोनों के द्वारा इसे यशवंत से मिलाए गया तब वह नौकरी लगवा देने की बात कहते हुए अलग-अलग तिथियों में यशवंत और उसके पिता संतोष सोनवानी के खाता में कुल 4,50,000 रूपये लिया गया, इसके बाद एक नियुक्ति आदेश दिया और मेडिकल और पुलिस वेरिफिकेशन होगा कहा, कोई वेरिफिकेशन नहीं होने पर इसे शंका हुआ और यशवंत से सम्पर्क करने पर वह टालमटोल करने लगा और अपना मोबाईल बंद दिया। आरोपियों ने इसकी बड़ी बहन को भी एसईसीएल में नौकरी लगाने के नाम पर 438300 रूपये कुल 8,88,300 रूपये एसईसीएल में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी किए। प्रार्थियां की रिपोर्ट पर आरोपियों के विरूद्ध थाना विश्रामपुर में धारा 420, 467, 468, 471, 120बी, 34 भादसं के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया। पूर्व में प्रकरण के आरोपी संतोष सोनवानी, सूरज गुप्ता निवासी भटगांव, निलेश बेहरा निवासी रायगढ़ को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी यशवंत सोनवानी फरार था जिसकी पतासाजी की जा रही थी।
पुलिस महानिरीक्षक, सरगुजा रेंज श्री राम गोपाल गर्ग (भा.पु.से.) के सतत् मार्गदर्शन में पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री रामकृष्ण साहू (भा.पु.से.) ने फरार आरोपी की पतासाजी कर जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश थाना प्रभारी विश्रामपुर को दिए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह व सीएसपी जे.पी.भारतेन्दु के मार्गदर्शन में आरोपी की पतासाजी की जा रही थी इसी बीच मुखबीर व नई तकनीक की मदद से दबिश देकर आरोपी यशवंत सोनवानी पिता संतोष सोनवानी उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम पोंच, थाना बलौदा, जिला जांजगीर-चाम्पा को पकड़ा गया। पूछताछ पर उसने अपराध घटित करना स्वीकार किया। आरोपी के कब्जे से ग्लैंजा कार कीमत 13,00,000 रूपये व 2 नग मोबाईल कीमत 1,16,000 रूपये कुल 14,16,000 रूपये का जप्त कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
इस कार्यवाही में थाना प्रभारी विश्रामपुर के.डी.बनर्जी, एएसआई प्रवीण राठौर, प्रधान आरक्षक अविनाश सिंह, इन्द्रजीत सिंह, आरक्षक ललन सिंह, रविशंकर पाण्डेय, बिहारी पाण्डेय, जयप्रकाश यादव, योगेश्वर, प्यारेलाल व मनोज शर्मा सक्रिय रहे।