सोमवार, 3 अक्तूबर 2022

सूरजपुर पुलिस के द्वारा हमर बेटी-हमर मान व अभिव्यक्ति ऐप का किया जा रहा व्यापक प्रचार-प्रसार। ऐप के जरिए महिलाओं एवं बालिकाओं को मिलेगी सुरक्षा

सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य की बेटियों को सशक्त और सुरक्षित करने के उद्देश्य से हमर बेटी- हमर मान नाम के अभियान की शुरुआत की है तो वहीं छत्तीसगढ़ पुलिस के द्वारा महिला सुरक्षा के लिए अभिव्यक्ति ऐप विकसित कराया है। पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह के मार्गदर्शन में पूरे जिले की पुलिस लगातार महिला एवं बालिकाओं को हमर बेटी-हमर मान एवं अभिव्यक्ति एप के संबंध में प्रचार प्रसार कर जागरूक किया जा रहा है। इस विशेष अभियान के दौरान सूरजपुर जिले के थाना-चौकी की पुलिस के द्वारा दुर्गा पण्डालों, भीड़भाड़ वाले स्थानों, गांव में चल रही महिलाओं की बैठकों सहित जहां भी महिलाओं-छात्राओं की मौजूदगी बनी हुई है वहां पहुंचकर महिला सुरक्षा के लिए बनाए गए अभिव्यक्ति ऐप के बारे में विस्तार से जानकारी देकर ऐप डाउनलोड कराया जा रहा है। महिलाओं की सुरक्षा के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग ने अभिव्यक्ति ऐप से महिलाओं को तत्काल सहायता मिलेगी। ऐप एसओएस फीचर या पैनिक बटन से लैस है, बटन दबाते ही यूजर को पुलिस सहायता पहुंचेगी। अभिव्यक्ति ऐप के जरिए पुलिस के पास महिलाएं कहीं से भी शिकायत दर्ज करा सकेंगी। इस बीच महिलाओं को पुलिस सहायता के नियम संबंधी पॉम्पलेट भी बांटा जा रहा है, ताकि उन्हें कानून की जानकारी हो सके। यह ऐप महिलाओं की जागरूकता और उनकी शिकायतों को सुनने के लिए बनाया गया है। पुलिस के द्वारा बताया जा रहा है कि सबसे पहले प्लेस्टोर से अभिव्यक्ति महिला सुरक्षा ऐप डाउनलोड करना होगा। ऐप साइन इन और मोबाइल नंबर से डाउनलोड किया जा सकता है, प्रक्रिया पूरी करने के बाद ओटीपी आएगा, ओटीपी से ऐप वेरिफाई होगा। जिले में हमर बेटी-हमर मान तथा अभिव्यक्ति ऐप के बारे में व्यापक रूप से महिलाओं को जागरूक करते हुए महिला संबंधी अपराध के बारे में बताया, कि किस तरह महिला अपराध होने पर अभिव्यक्ति ऐप के माध्यम से समाधान किया जा सकेगा, यह ऐप बहुत ही अच्छा है। इसकी जानकारी हम दूसरों को भी देंगे, ताकि महिला संबंधी होने वाले अपराध का तुरंत समाधान हो सके। 

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।