रविवार, 23 अक्तूबर 2022

हत्या के मामले चौकी लटोरी पुलिस ने किया आरोपी को गिरफ्तार

सूरजपुर। दिनांक 21.10.2022 को ग्राम राजकिशोरनगर निवासी नेतलाल की पुत्री फुलकुंवर 16 अक्टूबर को घर से निकली और शाम तक वापस घर नहीं आने पर रिश्तेदारों व आसपास में पता तलाश किया गया, दिनांक 21.10.22 को गांव के पठारी करचा में एक शव देखा गया, शव के कपड़े सेे पहचान हुई कि उसकी लड़की फुलकंवर है। सूचना पर चौकी लटोरी पुलिस ने मर्ग कायम कर मौके पर पहुंची और बारीकी से तफ्तीश करने के बाद शव को पीएम के लिए भेजा। डॉक्टर के द्वारा मृतिका के शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण हत्यात्मक लेख किए जाने पर अपराध क्रमांक 294/22 धारा 302, 201 भादसं. के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया।
        पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री रामकृष्ण साहू ने हत्या के मामले की गंभीरतापूर्वक विवेचना कर में आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश चौकी प्रभारी को दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह व सीएसपी जे.पी.भारतेन्दु के मार्गदर्शन में चौकी लटोरी पुलिस के द्वारा मामले की बारीकी से विवेचना की गई। मुखबीर की सूचना पर मामले में संदेही नामिक कुमार को हिरासत में लिया और उससे कड़ी पूछताछ करने पर हत्या की वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया। पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि 15 अक्टूबर को अपना मोबाईल मृतिका को दिया था, दिनांक 17.10.22 को भटगांव से काम कर वापस गांव आया और एक व्यक्ति के मोबाईल से अपने मोबाईल नंबर जिसे फुलकुंवर को दिया था उसमें फोन कर पूछा कि कहां हो तब मृतिका ने पठारी करचा में होना बताया तब यह उससे मिलने गया। जहां फुलकुंवर के द्वारा गुस्सा होकर रात तक कहां काम करते हो कहते हुए मॉ-बहन के बारे में गलत बात बोली जिस कारण यह गुस्सा होकर गला दबाकर फुलकुंवर की हत्या कर दिया और शव को ले जाकर झांड़ी में छिपा दिया। मामले में आरोपी नामिक कुमार उर्फ सोनू यादव पिता मोहन यादव उम्र 20 वर्ष सा. राजकिशोरनगर, चौकी लटोरी को गिरफ्तार किया गया।
इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी लटोरी धनंजय पाठक, एएसआई मनोज पोर्ते, प्रधान आरक्षक विशाल मिश्रा, पिंगल मिंज, आरक्षक नंदकिशोर राजवाड़े, अशोक कनौजिया, शोभनाथ कुशवाहा, बुधनाथ सिंह, सिंह राजवाड़े, अम्बिका मरावी व अमलेश्वर सिंह सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।