शुक्रवार, 23 सितंबर 2022

अक्षयपुर में हुए डकैती मामले में रामानुजनगर पुलिस ने 3 और आरोपियों को किया गिरफ्तार

सूरजपुर। अक्षयपुर में निर्माणाधीन पुल के निर्माण कार्य का चौकीदार ग्राम पम्पानगर निवासी चेतन प्रजापति ने थाना रामानुजनगर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि 27 जून के करीब 3 बजे भोर में 2 पिकअप वाहन द्धारिकापुर तरफ से अक्षयपुर तरफ गया उसके थोडी देर बाद 10-12 अज्ञात व्यक्ति आए और इसे पकड़ लिए और चाकू दिखाकर इसका मोबाईल लूटते हुए कैम्प में रहने वाले लोगों की जानकारी लेकर सभी रूम को खोलवाकर मजदूरों को जगाकर डरा धमकाकर बंधक बनाकर पुलिया निर्माण के लिए रखे लोहे के करीब 40-42 नग सेन्ट्रींग प्लेट एवं 4 नग और मोबाईल फोन को लूटकर ले गए। प्रार्थी की रिपोर्ट पर धारा 395 भादसं. के तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए 9 आरोपियों को गिरफ्तार कर सेन्ट्रींग प्लेट, 2 पिकअप वाहन सहित अन्य वस्तु जप्त किया था। वहीं अन्य आरोपी फरार थे जिनकी पतासाजी की जा रही थी।
        पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने आरोपियों की पतासाजी गंभीरतापूर्वक करते हुए जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश थाना प्रभारी को दिए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह व एसडीओपी प्रेमनगर प्रकाश सोनी के मार्गदर्शन में थाना रामानुजनगर की पुलिस आरोपियों की पतासाजी में लगी थी इसी बीच मुखबीर की सूचना पर आरोपी आकाश चौहान पिता सूरज चौहान उम्र 19 वर्ष, परमजीत कुर्रे पिता अजित कुर्रे उम्र 21 वर्ष एवं आकाश कुर्रे पिता संतोष कुर्रे उम्र 20 वर्ष निवासी मानिकपुर, थाना कोतवाली कोरबा, जिला कोरबा को पकड़ा गया। पूछताछ पर आरोपियों ने अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देना स्वीकार किया जिनके निशानदेही पर 1 मोबाईल व सेन्ट्रिंग प्लेट बिक्री से प्राप्त शेष रकम 200 रूपये जप्त कर तीनों को गिरफ्तार किया गया। इस कार्यवाही में थाना प्रभारी रामानुजनगर रूपेश कुंतल, निरीक्षक विपिन लकड़ा, एसआई मनी प्रसाद राजवाड़े, एएसआई बिसुनदेव पैंकरा, आरक्षक धनंजय साहू व रवि साहू सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।