मंगलवार, 29 जून 2021

सूरजपुर पुलिस ने 3 चोरों से 65000/- रूपये के चोरी का माल किया बरामद........


सूरजपुर: ग्राम करवां निवासी मृत्युजंय कुशवाहा ने चौकी लटोरी में रिपोर्ट दर्ज कराया कि इसका माॅ काली इंजीनियरिंग वैल्डिंग वर्कशाप के नाम से दुकान है जहां लोहे का दरवाजा, गेट, ग्रील, पलंग बनाने का काम होता है। 21 जून के शाम करीब 6 बजे दुकान बंद कर लोहे का पलंग 03 नग, दरवाजा 05 नग कीमत 65 हजार रूपये को दुकान के बाहर लोहे के चैन से बांधकर ताला लगाकर लोहे खम्बा में बांधा था, 22 जून की सुबह दुकान खोलने आया तो दुकान के बाहर रखा 03 नग लोहे का पलंग व 05 नग लोहे का दरवाजा नहीं था जिसे कोई अज्ञात चोर द्वारा चोरी कर लिया गया है। प्रार्थी की रिपोर्ट पर अज्ञात के विरूद्व अपराध क्रमांक 124/21 धारा 379 भादवि के तहत मामला पंजीबद्व किया गया। चोरी की मामले की सूचना पर पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा ने चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी की पतासाजी कर जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश चौकी प्रभारी को दिए।
          एएसपी पी.एस.महिलाने के मार्गदर्शन में चौकी लटोरी की पुलिस टीम ने घटना स्थल का बारीकी से मुआयना करते हुए आसपास के सीसीटीव्ही फुटेज खंगाला और सक्रिय मुखबीर तैनात किया। जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि फुलेश्वर राजवाड़े अपने गांव में पलंग और दरवाजा बेचने के लिए ग्राहक की तलाश कर रहा है जिसके आधार पर पुलिस ने फुलेश्वर को उसके गांव से पकड़ा गया। पूछताछ पर आरोपी ने बताया कि अपने साथी घरभरन पण्डो व विनोद अगरिया के साथ मिलकर करवां स्थित दुकान से लोहे का पलंग व दरवाजा को चोरी कर आपस में बाट लिये थे। आरोपियों की निशानदेही पर चोरी गए लोहे का पलंग 3 नग व 5 नग दरवाजा कीमत 65000/- रूपये को बरामद कर ग्राम कसलगिरी, थाना जयनगर निवासी आरोपी फुलेश्वर राजवाड़े पिता स्व. शहद राम राजवाड़े उम्र 21 वर्ष, विनोद अगरिया पिता हितबल राम अगरिया उम्र 40 वर्ष व घरभरन पण्डो पिता बैजनाथ पण्डो उम्र 35 वर्ष को विधिवत गिरफ्तार किया गया।

           इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी लटोरी सुनील सिंह, प्रधान आरक्षक हरिशंकर तिवारी, ऐसन पाल, मनोन पोर्ते आरक्षक ललन सिंह, नंदकिशोर राजवाड़े, अशोक कनौजिया, राजकुमार पासवान, शोभनाथ कुशवाहा व अम्बिका मराबी सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।