सोमवार, 25 नवंबर 2019

पूछने के साथ ही स्कूली बच्चों ने कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक का बताया नाम.............


स्कूली बच्चों को थाना प्रभारी ने नोट कराया अपना मोबाईल नंबर

गुड टच, बैड टच सहित कई अन्य जानकारियों से छात्राओं को कराया अवगत

सूरजपुर। विश्रामपुर के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में थाना प्रभारी विश्रामपुर कपिल देव पाण्डेय ने विद्यार्थियों को सुरक्षा एवं कानून का पाठ पढ़ाया। उन्होंने बच्चों एवं महिला सुरक्षा के संदर्भ में महत्वपूर्ण जानकारी दी। वर्तमान परिवेश में समाज में बच्चों पर होने वाले अपराधों से बचाव की दिशा में स्कूली बच्चों को गुड व बैड टच सहित अन्य जानकारियों देने के निर्देश *पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री राजेश कुकरेजा* ने थाना प्रभारियों को दिये थे।
जिसके परिपालन में सोमवार 25 नवम्बर को *थाना प्रभारी कपिलदेव पाण्डेय* के द्वारा शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय विश्रामपुर के बच्चों को गुड टच, बैड टच की जानकारी दी गई। उन्होंने छात्राओं से चर्चा कर अध्ययन की जानकारी ली और उन्हें स्कूल आने-जाने के दौरान खास सतर्कता बरतने को कहा साथ ही यह भी कहां कि किसी प्रकार की परेशानी होने पर तत्काल मुझे सूचित करें पुलिस तत्काल सहायता हेतु उपलब्ध होगी इस हेतु थाना प्रभारी ने छात्राओं को अपना मोबाईल नंबर भी नोट कराया। उन्होंने स्कूली छात्राओं को फर्जी बैंक काल, अंधविश्वास, गुड टच और बैड टच, मानव तस्करी, एटीएम कार्ड क्लोनिंग, एटीएम फ्राड, आनलाईन फ्राड, यातायात नियम, सोशल मीडिया का उपयोग सावधानीपूर्वक करने, चाईल्ड हेल्प लाईन नंबर सहित कई अन्य जानकारियां दी।
थाना प्रभारी ने जिले के कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक का नाम पूछे जाने पर लगभग सभी बच्चों ने एक स्वर में कहा कि हमारे *कलेक्टर श्री दीपक सोनी* है तथा *पुलिस अधीक्षक श्री राजेश कुकरेजा* है। कई छात्राओं ने बताया कि कुछ अवसरों पर इन दोनों अधिकारियों की बाते सुनने का मौका मिला इनकी बातों से हमें कई सारी जानकारी मिली और हमारा आत्मविश्वास बढ़ा।
इस दौरान स्कूल के प्राचार्य आशीष भट्टाचार्य, एएसआई सोहन सिंह सहित अन्य पुलिस कर्मचारी सहित काफी संख्या में स्कूली छात्राएं उपस्थित रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।