शनिवार, 5 अक्तूबर 2019

चिटफण्ड कंपनी पीआईसीएल के 2 डायरेक्टरों को जयनगर पुलिस ने किया गिरफ्तार.....

सूरजपुर। वर्ष 2017 में लखनपुर, जिला सरगुजा निवासी 35 वर्षीय राजवंती राजवाड़े पिता ननकूराम ने थाना जयनगर में रिपोर्ट दर्ज कराया कि रकम दोगुना करने के नाम से 6 लाख 10 हजार 9 सौ रूपये पीआईसीएल कंपनी अपने खाते में जमा करवाई थी कि रिपोर्ट पर आरोपीगण शंभुुनाथ, बुधराम व अन्य के विरूद्व अपराध क्रमांक 146/17 धारा 420, 120बी भादवि, इनामी चिटफण्ड और धन परिचालन स्कीम अधिनियम 1978 की धारा 4,5,6,10 व छत्तीसगढ़ निक्षेपकों के हितों के संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10 के तहत् अपराध पंजीबद्व कर विवेचना की जा रही थी। वर्ष 2017 से सभी आरोपी अपना सकुनत बदलकर लुक छिपकर रह रहे थे।
पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज श्री के.सी.अग्रवाल के द्वारा रेंज के सभी थानों में लंबित चिटफण्ड कंपनी के मामलों की समीक्षा बैठक ली गई थी। बैठक में उन्होंने फरार चिटफण्ड कंपनी के डायरेक्टर सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम को उनकी पूरी जानकारी हासिल कर उनके रहने के संभावित स्थानों पर दबिश देने के निर्देश दिए थे।
पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री डी.आर.आंचला के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर के मार्गदर्शन में जयनगर पुलिस टीम ने प्रकरण के आरोपी महाबीरनगर अनमोल सुपर बाजार, थाना न्यू राजेन्द्रनगर, जिला रायपुर निवासी 48 वर्षीय बुध सिंह राणा पिता लख्ख सिंह राणा एवं 46 वर्षीय शंभुनाथ पाठक पिता अखिल लाल पाठक दोनों पीआईसीएल मल्टीस्टेट क्रेडिट कोआपरेटिव सोसायटी लिमिटेड नाम से सोसायटी जिसकी शाखा मनेन्द्रगढ़, राजनांदगांव, बलागीर में बनाए थे। मामले की विवेचना में दोनों आरोपियों का स्पष्ट जानकारी मिलने पर जयनगर पुलिस ने शनिवार 05 अक्टूबर को आरोपी बुधसिंह राणा एवं शंभुनाथ पाठक का विधिवत् गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में पेश किया जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया। प्रकरण में अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु जयनगर पुलिस टीम लगातार पतासाजी में लगी हुई है।
चिटफण्ड कंपनी पीआईसीएल ने जयनगर क्षेत्र में 6 लाख 10 हजार 9 सौ रूपये, मनेन्द्रगढ़ जिला कोरिया में 22 लाख सहित अन्य शहरों में भी रकम दोगुना करने के नाम पर धोखाधड़ी की गई है।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।