गुरुवार, 4 अक्टूबर 2018

रामानुजनगर पुलिस ने सहयोग के बैनर तले कराया स्वास्थ्य शिविर का आयोजन


सूरजपुर।आम जनता को सुरक्षा के प्रति सर्तक करने, आये दिन हो रही ठगी से बचाव के उपाय बताने, दूरस्थ ग्रामों में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कराने, लोगों की समस्या से रूबरू होकर उनकी शिकायतों का निराकरण करने के निर्देश पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री जी.एस.जायसवाल ने जिले के थाना व चौकी प्रभारियों को दी थी।
इसी परिप्रेक्ष्य में गत् 3 अक्टूबर को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मेघा टेंभुरकर के मार्गदर्शन में एसडीओपी प्रेमनगर चंचल तिवारी के नेतृत्व में थाना रामानुजनगर पुलिस के द्वारा ‘‘सहयोग" के बैनर तले ग्राम कुमेली के पण्डोपारा एवं बण्डाभैंसापारा के प्राथमिक शाला में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करवाया गया।
इस स्वास्थ्य शिविर में डाॅ. रिचा तिवारी व हर्ष तिवारी के द्वारा करीब 45-50 की संख्या में महिला, पुरूष एवं बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवा वितरित किया। एसडीओपी प्रेमनगर चंचल तिवारी के द्वारा ग्रामीणजन को मौसमी बीमारी से बचने हेतु बरती जाने वाली सावधानियों की जानकारी देते हुये स्वास्थ्य केन्द्र से डीडीटी प्राप्त कर अपने घरों के आसपास छिड़काव करने, किसी प्रकार की घटना, दुर्घटना अथवा किसी प्रकार की अवैध गतिविधियों की जानकारी होने पर तत्काल पुलिस को सूचना देने की अपील करते हुये कैम्प में आये हुये ग्रामीणों एवं स्कूली छात्र, छात्राओं को स्वलपाहार वितरित किया।
इस दौरान एसडीओपी प्रेमनगर चंचल तिवारी, थाना प्रभारी रामानुजनगर ए0टोप्पो, डाॅ. रिचा तिवारी, डाॅ. हर्ष तिवारी सहित काफी संख्या में ग्रामीणजन सहित स्कूली छात्र, छात्राएं उपस्थित रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।