गुरुवार, 8 मई 2025

डीआईजी/एसएसपी सूरजपुर के निर्देश। चलित थाना में पुलिस-ग्रामीणों बैठे साथ, पुलिस ने सुनी ग्रामीणों की समस्या किया निराकरण, म्यूल अकाउंट क्या है और इससे बचाव के उपाए बताए, ऑनलाइन फ्रॉड, सड़क दुर्घटना, नशीले पदार्थों से बचाव और नए तीन कानून के बारे में किया जागरूक।

 

सूरजपुर। थाना प्रतापपुर पुलिस ने चलित थाना लगाकर ग्रामीणों के साथ बैठकर उनकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान पुलिस ने ग्रामीणों को ऑनलाइन फ्रॉड, सड़क दुर्घटना, नशीले पदार्थों का उपयोग से बचाव और नए तीन कानून जैसे विषयों सहित विभिन्न मुद्दों पर जागरूक किया। साथ ही गांव के वरिष्ठ नागरिकों, ग्रामीणों से चर्चा कर म्यूल अकाउंट क्या है और इससे बचाव के क्या उपाए है, क्षेत्र में होने वाले साइबर अपराध के संबंध में लोगों को जानकारी देकर जागरूक होने अवगत कराया जा रहा है।
           चलित थाना पुलिस और जनता के बीच सहयोग और सहज संबंध स्थापित करने का एक उत्तम माध्यम है जिसके जरिये यथासंभव शिकायतों का मौके पर ही निराकरण करने का प्रयास तथा विभिन्न विषयों पर जागरूक किया जाता है। डीआईजी व एसएसपी सूरजपुर श्री प्रशांत कुमार ठाकुर के निर्देश पर जिले के सभी थाना-चौकी क्षेत्र में लगातार चलित थाना का आयोजन कर ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और निराकरण किया जा रहा है।
         इसी परिप्रेक्ष्य में सोमवार, 05 मई 2025 को थाना प्रतापपुर पुलिस ने ग्राम सरहरी में चलित थाना का आयोजन किया। पुलिस के अधिकारी ग्रामीणों के साथ बैठकर उनसे चर्चा कर उनकी समस्याओं को सुना और शिकायतों का निराकरण किया साथ ही मोबाइल से हो रही ठगी के मामलों में सावधान रहने व अपराध के प्रति जागरूक रहने कहा। पुलिस ने ग्रामीणों को बताया कि म्यूल अकाउंट वे बैंक अकाउंट्स होते है जिनका इस्तेमाल साइबर अपराधी ठगी के पैसों को ट्रांसफर करने के लिए करते है, म्यूल अकाउंट अपराध से बचने के लिए हमेशा सुरक्षित वित्तीय प्लेटफार्म का उपयोग करें, संदिग्ध लेन-देन के बारे में अपने बैंक को सूचित करें, किसी दूसरे व्यक्ति को अपना बैंक पासबुक, एटीएम और सीम कार्ड उपयोग के लिए न दें।
           ग्रामीणों को कहा गया कि प्रत्येक ग्राम में बीट पुलिस अधिकारी के द्वारा वाटसएप ग्रुप बनाया गया है जिसमें अपराध के रोकथाम, महत्वपूर्ण सूचना के आदान-प्रदान एवं आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने ग्रुप में जुड़कर पुलिस को सहयोग करें ताकि अपराधों पर लगाम लगाया जा सके। क्षेत्र में किसी भी अपराध की सूचना तत्काल पुलिस को देने की बात कही गई। चलित थाना में ग्रामीणों से क्षेत्र में होने वाले अपराध के रोकथाम के संबंध में आवश्यक चर्चा किया गया। इस दौरान सरपंच, पंच व ग्रामीण उपस्थित थे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।