शुक्रवार, 3 जून 2022

पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने ली क्राइम मीटिंग, अपराध रोकने थाना-चौकी प्रभारियों को दिए कड़े निर्देश


  • अवैध कारोबार के लिए थानेदार होंगे जिम्मेदार
  • थाना प्रभारी स्वतः सुने जनता की शिकायत, करें त्वरित वैधानिक कार्यवाही
  • घटना-दुर्घटना की सूचना पर प्रभारी त्वरित पहुंचे मौके पर, करें विधिसंगत कार्यवाही
  • अपराध की रोकथाम हेतु पेट्रोलिंग व रात्रि गश्त बनाए प्रभावी
  • नये निगरानी हिस्ट्रीशीट खोलने के निर्देश

सूरजपुर। शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू द्वारा जिले के राजपत्रित अधिकारी, थाना-चौकी प्रभारियों का क्राईम मीटिंग लिया, जिसमें लंबित अपराधों एवं शिकायत की समीक्षा करते हुए लंबित मामलों का त्वरित निराकरण करने व पेंडेंसी कम करने के उद्देश्य से सभी सुपरविजन अधिकारी एवं थाना व चौकी प्रभारियों से सभी अनसुलझे व लंबित मामलों पर चर्चा कर निकाल हेतु महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिये। आपराधिक मामलों में फरार आरोपियों की धरपकड़ में तेजी लाने, स्थाई वारंटी तामील करने, अवैध कारोबार पर पूर्णतः अंकुश लगाने, आदतन अपराधियों की निगरानी खोलने एवं सामुदायिक पुलिसिंग के तहत प्रत्येक गांव में जन चौपाल लगाने के निर्देश दिए।
            इस दौरान पुलिस अधीक्षक ने प्रभारियों को कहा कि अवैध कारोबार के लिए थाना-चौकी प्रभारी स्वयं जिम्मेदार होंगे। पुलिस की कार्यवाही निष्पक्ष एवं पारदर्शिता हो जिससे आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास और बढ़े, पुलिस का दायित्व है कि आमजनता के समस्या-शिकायत का त्वरित निराकरण करें, आमजनता की शिकायतों को थाना-चौकी प्रभारी स्वतः सुने और त्वरित कार्यवाही करें ताकि फरियादी को किसी वरिष्ठ कार्यालन जाने की आवश्यकता न पड़े, अवैध कारोबार की सूचना पर तत्परता के साथ आरोपियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाए, गंभीर अपराध की एफआईआर थाना प्रभारियों के द्वारा दर्ज किए जाने के निर्देश दिए। कानून व्यवस्था ड्यूटी के दौरान सतर्कतापूर्वक कार्य निष्पादन करने, किसी प्रकार की घटना-दुर्घटना की सूचना पर प्रभारी फौरन मौके पर पहुंचे और त्वरित विधिसंगत कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि अपराध की रोकथाम हेतु पेट्रोलिंग एवं रात्रि गश्त प्रभारी तौर पर किए जाए, अपराध, शिकायत के निकाल में रूचि लेकर कार्य करने पर पुरस्कृत तथा लापरवाही पर संबंधित को दण्डित किया जायेगा।
            गुम नाबालिकों की पतासाजी व दस्तयाब कर प्राप्त साक्ष्य के आधार पर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए, राजपत्रित अधिकारियों को महिला एवं बच्चों से संबंधित अपराध तथा लंबित गंभीर मामलों के साथ-साथ चिटफंड कंपनी से संबंधित शिकायतों एवं आईटी एक्ट प्रकरणों की अपने स्तर पर समीक्षा कर आवश्यकतानुसार पुलिस टीम बनाकर विधिवत् दीगर प्रांत भेजने हेतु निर्देशित किया। साथ ही सभी प्रभारी को अपने-अपने थाना क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने हेतु सूचना तंत्र मजबूत करने, संपत्ति संबंधी अपराध जैसे लूट, चोरी, धोखाधड़ी आदि को रोकने के लिए अधिक से अधिक लघु व प्रतिबंधात्मक अधिनियम के तहत कार्यवाही करने की हिदायत दी।
            इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर, एएसपी ए.के.जोशी, ट्रेनी आईपीएस संदीप कुमार पटेल, सीएसपी जे.पी.भारतेन्दु, एसडीओपी सूरजपुर गीता वाघवानी, एसडीओपी प्रेमनगर प्रकाश सोनी, एसडीओपी ओड़गी राजेश जोशी, एसडीओपी प्रतापपुर अमोलक सिंह, डीएसपी मुख्यालय नंदिनी ठाकुर सहित जिले के सभी थाना-चौकी प्रभारी व जिला पुलिस कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। 

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।