सोमवार, 13 सितंबर 2021

सूरजपुर पुलिस ने 8 लाख कीमत के गुम हुए 50 मोबाईल बरामद कर उनके वारिसानों को किया सुपुर्द..........



पुलिस को गुम मोबाईल की सूचना निरंतर ऑनलाईन माध्यम से रहा है मिल।

मोबाईल गुमा है तो लिंक https://forms.gle/hYeR5TfNft3yqTet7 पर दें जानकारी।

सूरजपुर: जिले में गुम हुए मोबाइलों को खोजने के लिए सूरजपुर पुलिस के द्वारा अभियान निरंतर चलाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता के निर्देश पर सूरजपुर पुलिस के ब्लाग में गुम मोबाईल की सूचना देने की सुविधा भी मौजूद है जिसके माध्यम से जिलेवासी आसानी से अपने गुम हुए मोबाईल के बारे में लिंक https://forms.gle/hYeR5TfNft3yqTet7 पर क्लीक कर गुम मोबाईल का ब्यौरा दर्ज करा रहे है। पुलिस के इस नई पहल के बाद बीते माह में 30 गुम मोबाईल रिकव्हर कर उनके वारिशानों को वापस किया गया था और इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए सोमवार 13 सितम्बर को पुलिस अधीक्षक ने 50 नग गुम मोबाईल जिन्हें सर्विलांस में लगाकर ट्रेस किया गया था उन्हें संबंधितों को सौंपा है।
          पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता ने बताया कि लोगों के गुम हुए मोबाइल की सूचना देने के लिए ऑनलाईन सुविधा सूरजपुर पुलिस के ब्लाग में मौजूद है जिसके जरिए लोग अब आसानी से अपने गुम हुए मोबाईल की जानकारी हम तक पहुंचा पा रहे है। उन्होंने बताया कि गुम मोबाईल को रिकव्हर करने के लिए पुलिस की टीम गठित की गई है, गुम हुए मोबाईल खोजने का यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। गुम मोबाईल वितरण कार्यक्रम में जिनके मोबाईल गुमे थे वे अपना मोबाईल लेने उपस्थित हुए थे उन्हें अपने गांव घर के आसपास रहने वाले लोगों को भी गुम मोबाईल खोजबीन के लिए सूरजपुर पुलिस के ब्लाग में मौजूद सुविधा एवं उपरोक्त लिंक के बारे में बताने को कहा। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर, एएसपी मुख्यालय पीएस महिलाने, स्थापना प्रभारी अखिलेश सिंह सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।

करीब 8 लाख रुपए की कीमत के 50 मोबाइल सुपुर्द किए।

          जिनमें आवेदक रामजी साहू, विनय कुमार मिश्रा, प्रहलाद अग्रवाल, अरविंद यादव, राजेश अग्रवाल, संजय सिंह ठाकुर, सुशांत कुमार, आकाश आदिल, सोनी प्रसाद कुशवाहा, राहुल साहू, शिवचंद साहू, हेमंत कुमार, टेकराम सिंह, राजू सिंह, अमर व अफरोज खान को उनके गुम हुए मोबाईल को दिया गया। इसके अलावा 34 अन्य लोग जो जिले के विभिन्न क्षेत्र के निवासी है उन्हें संबंधित थाना-चौकी के माध्यम से मोबाईल को सौंपा जाएगा। मोबाइल खोजने में साइबर सेल से आरक्षक युवराज यादव, रौशन सिंह, विनोद सारथी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।