रविवार, 5 मई 2019

आरोपी के कब्जे से अपहृत बालिका को दमन से बरामद कर लाई बसदेई पुलिस, आरोपी गिरफ्तार

सूरजपुर: गत् वर्ष 22 नवम्बर को ग्राम सिरसी निवासी एक व्यक्ति चौकी बसदेई आकर रिपोर्ट किया कि 22 नवम्बर की सुबह 10ः00 बजे इसकी 16 वर्षीय नाबालिक लड़की घर में बिना बताए कहीं चली गई है। प्रार्थी की सूचना पर चौकी बसदेई थाना सूरजपुर में अपराध क्रमांक 471/18 धारा 363 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर गुमशुदा नाबालिक को खोजबीन करना प्रारंभ किया। पूर्व में पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम.अवस्थी द्वारा सभी जिलों में गुमशुदा नाबालिग बच्चों के प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए इनकी खोजबीन हेतु विशेष अभियान ‘‘आपरेशन मुस्कान’’ चलाए जाने हेतु सभी जिले के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किए थे। जिसके तारतम्य में पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री जी.एस.जायसवाल के द्वारा जिले के थाना-चौकी प्रभारियों को गुमशुदा एवं अपहृत बच्चों की दस्तयाबी एवं आरोपी की गिरफ्तारी हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए थे।
पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री जी.एस.जायसवाल के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर एवं सीएसपी डी.के.सिंह के मार्गदर्शन में चौकी प्रभारी बसदेई सुनील सिंह द्वारा गुमशुदा नाबालिक के संबंध में जानकारी एकत्र करना प्रारंभ किया। पतासाजी के दौरान यह मालूम हुआ कि बसदेई निवासी नागेन्द्र देवांगन पिता शंकर देवांगन उम्र 21 वर्ष भी दिनांक 22/11/18 से अपने घर पर नहीं है। गुम नाबालिक के पतासाजी दौरान चौकी प्रभारी बसदेई सुनील सिंह के नेतृत्व में चौकी बसदेई पुलिस द्वारा गुम नाबालिक के सहेलियों, सहपाठियों से बारिकी से गुम नाबालिक के विषय में पूछताछ की गई जिससे यह प्रमाणित होने लगा कि संदेही आरोपी द्वारा ही प्रेमप्रसंग में नाबालिक को बहला-फुसला कर भगा ले गया है। दौरान पतासाजी चौकी बसदेई पुलिस द्वारा साईबर सेल से समन्वय स्थापित कर आरोपी नागेन्द्र देवांगन लोकेशन की जानकारी प्राप्त की गई जिस पर जानकारी हासिल हुई कि केन्द्र शासित प्रदेश दमन राज्य में है जो गुजरात राज्य का सरहदी ईलाका है।
पतासाजी दौरान यह ज्ञात हुआ कि आरोपी नागेन्द्र देवांगन का पिता शंकर देवांगन गुजरात में किसी फैक्टरी में काम करता है जिससे चौकी बसदेई पुलिस का संदेह पुख्ता हो गया कि आरोपी द्वारा नाबालिक अपहृता को गुजरात राज्य अथवा इसके सरहदी क्षेत्रों में ले जाया गया होगा जिस पर चौकी प्रभारी बसदेई सुनील सिंह द्वारा मामले के सम्पूर्ण हालात को पुलिस अधीक्षक श्री जी.एस.जायसवाल को अवगत कराया गया। पुलिस टीम दिगर राज्य जाने की अनुमति पुलिस महानिरीक्षक, सरगुजा रेंज सरगुजा व पुलिस अधीक्षक सूरजपुर से प्राप्त कर नाबालिक अपहृता को बरामद करने हेतु पुलिस चैकी बसदेई की एक टीम गुजरात रवाना की गई। टीम द्वारा गुजरात राज्य के सरहदी क्षेत्र जिला दमन पहुंचकर आरोपी नागेन्द्र देवांगन व अपहृता की पतासाजी की जा रही थी। किन्तु गुजरात राज्य के सरहदी जिला दमन जैसे बडे शहर में अत्यधिक फैक्टरियां होने से पुलिस टीम को आरोपी एवं अपहृता की पतासाजी हेतु काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। आरोपी एवं अपहृता के खोजबीन दौरान बसदेई पुलिस टीम द्वारा दमन पुलिस स्टेशन नानी दमन केन्द्र शासित प्रदेश से सहयोग प्राप्त किया गया, जहां पर पता चला कि आरोपी नागेन्द्र देवांगन एक प्लास्टिक फैक्टरी में काम करता है तथा किराये का मकान लेकर नाबालिक अपहृता को रखा हुआ है। सूचना पर चौकी बसदेई पुलिस टीम एवं नानी दमन पुलिस टीम द्वारा संयुक्त रूप से आरोपी के किराये के मकान में दबिश दी गई पुलिस के आने की आहट पाकर आरोपी भागने की कोशिश करने लगा जिसे पुलिस टीम द्वारा संयुक्त रूप से घेराबंदी कर पकड़ा एवं नाबालिग अपहृता को दस्तयाब किया गया। आरोपी नागेन्द्र देवांगन के द्वारा नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर भगा ले जाकर अनाचार किए जाने पर पुलिस ने प्रकरण में धारा 366, 376 भादवि व पास्को एक्ट की धारा 4, 6 जोड़ी जाकर आरोपी को विधिवत् गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।
इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी बसदेई सुनील सिंह, प्रधान आरक्षक मनोज पोर्ते, आरक्षक जितेन्द्र पटेल, अमरेन्द्र दुबे, देवदत्त दुबे, महेन्द्र प्रताप सिंह एवं साईबर सेल के आरक्षक युवराज यादव का उल्लेखनीय योगदान रहा।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।