बुधवार, 8 मई 2019

सूरजपुर: फर्जी जमीन बिक्री प्रकरण में 2 आरोपी गिरफ्तार।





       थाना झिलमिली के अन्तर्गत ग्राम दनौली स्थित 05 एकड़ भूमि खसरा नंबर 428/3 रकबा 2 हेक्टेयर के प्रकरण के प्रार्थी नीरज अग्रवाल निवासी सूरजपुर के द्वारा कैलाश अग्रवाल निवासी सूरजपुर, कैलाश अग्रवाल के साथी विजय शुक्ला निवासी केंवरा तथा संत दुबे निवासी कोयलारी तथा हल्का पटवारी स्व. रामनारायण दुबे एवं भुनेश्वर उर्फ भण्डारी निवासी दनौली के द्वारा फर्जी भूमि का दस्तोवज तैयार कर आठ लाख रूपये में 05 एकड़ भूमि बिक्री कर प्रार्थी नीरज अग्रवाल को कूटरचित दस्तावेज एवं फर्जी विक्रेता एवं फर्जी गवाह के द्वारा रजिस्ट्री होने के उपरांत सीमांकन के समय उक्त खसरा की भूमि न पाये जाने से मामला का खुलसा हुआ। 
      नीरज अग्रवाल के द्वारा दिये गये आवेदन के जांच पश्चात् थाना झिलमिली के अपराध क्रमांक 44/18 धारा 420, 34 के तहत् मामला पंजीबद्व कर विवेचना की गई। विवेचना में कैलाश अग्रवाल, विजय शुक्ला, संत दुबे एवं भुनेश्वर उर्फ भण्डारी तथा मृतक पटवारी राम नारायण दुबे, रामपति एवं नान साय के विरूद्ध उक्त घटना एक राय होकर षडयंत्र कर फर्जी जमीन का दस्तोवज तैयार कर फर्जी व्यक्ति के द्वारा भूमि बिक्री कर आठ लाख रूपये का हड़प कर ठगी करना पाया गया। 
प्रकरण में मुख्य धोखाधड़ी, जालसाजी का पहलू यह है कि भूमि विक्रेता जनार्दन कोईर निवासी दनौली को भूमि स्वामी बनाया गया है जो वास्तविक व्यक्ति जनार्दन कोईर ग्राम दनौली में है परन्तु रजिस्ट्री पत्र में इसका फोटो नहीं है। दूसरे व्यक्ति का फोटो लगा है जिसे रजिस्ट्रार के द्वारा सत्यापित किया गया है। किसी तरह रजिस्ट्री के गवाह रामपति एवं मानसाय दनौली के नाम, पता सहित दर्ज है जबकि वास्तव में यह लोग रजिस्ट्री के गवाह नहीं है। इसकी पतासाजी की जा रही थी कि इस मामले में पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री जी.एस.जायसवाल के द्वारा पतासाजी कर जल्द गिरफ्तार करने के विभिन्न बिन्दुओं के निर्देश के साथ थाना प्रभारी एम.जे.फिरदौसी को निर्देश दिये कि अज्ञात भूमि विक्रेता तथा कथित जनार्दन कोईर एवं उक्त गवाहों के पतासाजी का भरसक प्रयास किया जा रहा था कि पता नहीं चल रहा था। पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज श्री के.सी.अग्रवाल भी इस मामले को गंभीरता से लेकर जल्द से जल्द आरोपी की गिरफ्तारी का निर्देश दिये तथा एसपी सूरजपुर श्री जी.एस.जायसवाल के द्वारा 5 हजार रूपये का ईनाम का उद्घोषणा किये।
       पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज श्री के.सी.अग्रवाल एवं पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री जी.एस.जायसवाल के निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हरीश राठौर एवं एसडीओपी मनोज धु्रव के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी झिलमिली के द्वारा जांच दौरान तथाकथित भूमि विक्रेता जनार्दन का पता अंबिकापुर के पास किशुननगर में पता चलने पर पकड़ा गया। जो वास्तविक नाम लखन बरवा आ0 रामदेव बरवा जाति चेरवा उम्र 40 वर्ष पाया गया। पूछताछ पर पूरा खुलासा किया बताया कि आरोपी प्रसन्न कुमार निवासी घोंसा थाना झिलमिली इसका साला है जो भुनेश्वर उर्फ भण्डारी के साथ मिलकर कैलाश अग्रवाल, विजय शुक्ला, संत दुबे के कहने पर फर्जी विक्रेता एवं गवाह तलाश करने को कहने पर प्रसन्न इसे गवाही के लिये बोला, उसी गांव से गवाह नान साय एवं रामजीत को तलाश किया कि दिनांक 23 जून 2014 को लखन बरवा को जनाधरण भूमि स्वामी बनाया गया। जिसे विजय शुक्ला एवं भूनेश्वर उर्फ भण्डारी जनाधरन का दस्तखत करने के लिये सिखाये बाद कोर्ट में फर्जी भूमि का रजिस्ट्री किया। इस तरह उक्त आरोपियों के द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर फर्जी विक्रेता से प्रार्थी नीरज अग्रवाल को आठ लाख रूपये में भूमि बेचकर ठगी किये।
       इस प्रकरण में लखन बरवा पिता रामदेव बरवा निवासी किशुननगर थाना गांधीनगर अंबिकापुर एवं प्रसन्न कुमार पिता बिहारी लाल चेरवा निवासी घोंघा थाना भैयाथान को गिरफ्तार किया गया है। जिसे रिमाण्ड हेतु न्यायालय भेजा गया है। प्रकरण में आरोपी पटवारी राम नारायण दुबे दिनांक 26/03/18 को आत्महत्या कर स्वर्गवास हो गये है तथा आरोपी नानसाय एवं रामजीत जो फर्जी गवाह बने थे दिनांक 21/08/14 को अंबिकापुर में दुर्घटना से दोनों की मौत हो गई है ंआरोपी कैलाश अग्रवाल एवं विजय शुक्ला को माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर से गिरफ्तारी में राहत प्रदान की गई है शेष आरोपी भुनेश्वर उर्फ भण्डारी एवं संत दुबे फरार है जिनकी पतासाजी की जा रही है। 
       इस कार्यवाही में थाना प्रभारी झिलमिली एम.जे.फिरदौसी, एएसआई ललित तिर्की, प्रधान आरक्षक भुपेन्द्र सिंह पोर्ते, आरक्षक हितेश्वर राजवाड़े, नगर सैनिक भूपेन्द्र दुबे सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।