सोमवार, 17 अक्तूबर 2016

आॅटो व टैक्सी वाहनों की चेकिंग की सूरजपुर पुलिस ने

सूरजपुर। आॅटो व टैक्सी चालकों की बैठक सीएसपी सूरजपुर डी.के.सिंह ने पुलिस कन्ट्रोल रूम सूरजपुर में लेते हुये उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश देकर उसका पालन करने हेतु निर्देशित किया गया था। इसी तारतम्य में आज पुलिस अधीक्षक सूरजपुर आर.पी.साय व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एस.आर.भगत के निर्देशन में सीएसपी डी.के.सिंह ने आॅटो व टैक्सी वाहनों के कागजात एवं चालकों के डाईविंग लाईसेंस व ड्रेस की चेकिंग स्थानीय हाईस्कूल स्टेडियम ग्राउण्ड में किया गया। इस दौरान कई चालकों के द्वारा निर्धारित ड्रेस नहीं पहनने पर उन्हें अनिवार्य रूप से 3 दिवस में ड्रेस बनवाकर ही वाहन चलाने को कहा साथ ही 3 दिवस के पश्चात ड्रेस पहनकर वाहन न चलाने वालों पर कार्यवाही करने हेतु यातायात प्रभारी सूरजन राम राजवाड़े को निर्देशित किया। पूर्व के बैठक में सभी आटो व टैक्सी वाहनों में एसपीआर व नंबर लेख करने के निर्देश दिये गये थे जो आज अधिकांश वाहनों में उक्त नंबर लेख होना दिखा। इस संबंध में सीएसपी डी.के.सिंह ने बताया कि आॅटो व टैक्सी चालकों को समझाईश दिया गया है कि यात्रीगण से अच्छा व्यवहार करें ताकि वह निर्भीक होकर सफर कर सके। असामाजिक तत्व व आपराधिक किस्म के व्यक्तियों द्वारा कई बार आॅटो व टैक्सी का उपयोग यात्रा हेतु करते है जिसकी जानकारी भी टैक्सी व आॅटो चालकों को होती है, ऐसी किसी भी जानकारी को तत्काल पुलिस को देने हेतु निर्देशित किया गया है, ताकि उन्हें समय रहते पकड़ा जा सके। सूरजपुर पुलिस के द्वारा आॅटो व टैक्सी वाहनों में एसपीआर के साथ ही 1 से आगे तक के नंबर वाहनों पर लिखवाया गया है, इन नंबरों के आधार पर पुलिस के पास उन वाहनों की पूरी जानकारी होगी जिसमें वाहन क्रमांक, वाहन मालिक व चालक का नाम, पता मोबाईल नंबर एवं फोटो उपलब्ध होगी जिससे कभी भी किसी आॅटो व टैक्सी चालकों के द्वारा दुर्घटना कर देने पर वाहनों में लिखे नंबर के आधार पर उसका तुरंत पता किया जा सके। इस दौरान थाना प्रभारी सूरजपुर अनूप एक्का, यातायात प्रभारी सूरजन राम राजवाड़े, यातायात पुलिस स्टाफ एवं काफी संख्या में आॅटो व टैक्सी चालकगण उपस्थित रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।