शनिवार, 14 जून 2025

मोटर सायकल चोरों पर सूरजपुर पुलिस की बड़ी कार्यवाही, 5 लाख रूपये कीमत के 12 नग मोटर सायकल जप्त कर 4 आरोपियों को थाना जयनगर पुलिस ने किया गिरफ्तार।

 

सूरजपुर। डीआईजी व एसएसपी श्री प्रशांत कुमार ठाकुर ने पुलिस अधिकारियों को चोरी, नकबजनी के मामलों पर अंकुश लगाने एवं चोरी की वारदात को अंजाम देने वालों की पतासाजी कर उन्हें पकड़ने के सख्त निर्देश दिए थे। दिनांक 15/05/2025 को थाना जयनगर में पंजीबद्ध धारा 303(2) बीएनएस के प्रकरण में चोरी गए मोटर सायकल की पतासाजी के दौरान मुखबीर की सूचना पर ग्राम कुंजनगर झारपारा में संदेही मनोज रजक निवासी सूरजपुर से पूछताछ पर चोरी का 1 मोटर सायकिल को बरामद किया गया।
           पूछताछ पर आरोपी मनोज ने बताया कि वह एक-दो माह पूर्व आरिफ ईराकी, मोहम्मद नफीस निवासी सूरजपुर को 4 नग मोटर सायकल तथा रामदास निवासी बड़कापारा सूरजपुर को 7 नग मोटर सायकल चोरी कर बिक्री करने हेतु दिया है जिसके बाद पुलिस ने दबिश देकर तीनों आरोपियों को पकड़ा। पूछताछ पर आरोपियों ने चोरी की मोटर सायकल को बिक्री करने हेतु लेना बताया जिनके कब्जे से 11 मोटर सायकल बरामद किया गया। इन मोटर सायकलों को जयनगर, पार्वतीपुर, देवनगर, रामानुजनगर, भैयाथान, विश्रामपुर व सूरजपुर से चोरी किया गया था। प्रकरण में चोरी किए हीरो एचएफ डिलक्स, बजाज डिस्कवर, होण्डा साईन, हीरो स्पलेडर कुल 12 नग मोटर सायकल कीमत करीब 5 लाख रूपये का जप्त धारा 35(1-घ) बीएनएसएस/303(2)बीएनएस के तहत कार्यवाही कर आरोपी (1) मनोज रजक पिता स्व दरबारी रजक उम्र 35 वर्ष निवासी सूरजपुर, (2) मोहम्मद नफीस पिता अरशद हुसैन उम्र 29 वर्ष निवासी मस्जिद गली सूरजपुर (3) आरिफ ईराकी पिता सिराजुद्धीन ईराकी उम्र 25 वर्ष निवासी नावापारा सूरजपुर (4) रामदास पिता बुधव राम जाति गोड़ उम्र 32 वर्ष निवासी बड़कापारा सूरजपुर को गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण में जप्त मोटर सायकल के वाहन स्वामियों की पतासाजी की जा रही है।
          कार्यवाही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो व एसडीओपी सूरजपुर अभिषेक पैंकरा के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी जयनगर नरेन्द्र सिंह, एसआई सोहन सिंह, एएसआई केश्वर मरावी, प्रधान आरक्षक राजिन्दर एक्का, दीपक दुबे, आरक्षक राजकुमार पासवान, रवि राजवाड़े, नीरज झा, विकास मिश्रा, सैनिक मुजाहिद, जहांगीर आलम, सोहर साय राजवाड़े व चन्दन सिंह सक्रिय रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।