गुरुवार, 2 फ़रवरी 2023

स्टूडेंट पुलिस कैडेट ने थाना विश्रामपुर का किया भ्रमण, पुलिस अधिकारी ने कैडेट को दी थाना के कार्यो की जानकारी कैडेट के पुलिस कार्य से जुड़े सवाल का सीएसपी ने दिया जवाब


सूरजपुर भारत सरकार, गृह मंत्रालय की स्टूडेंट पुलिस कैडेट कार्यक्रम स्कूल आधारित युवाओं के विकास के लिए तैयार की गई है। स्टूडेंट पुलिस कैडेट को इनडोर व आउटडोर प्रशिक्षण देकर इन्हें संवेदनशील व जिम्मेदार बनाने ताकि वे अपराध नियंत्रण व शांति व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की मदद कर सके। योजना का कुशल क्रियान्वयन पुलिस अधीक्षक सूरजपुर श्री रामकृष्ण साहू (भा.पु.से.) के निर्देशन में जारी है। जिले में स्टूडेंट पुलिस कैडेट के संचालन हेतु जिले के 5 स्कूलों के छात्र/छात्राओं का चयन किया गया है। इन कैडेटों को आउट डोर, इनडोर प्रशिक्षण एवं पुलिस के कार्यो की जानकारी देने, थाना का भ्रमण कराने सहित अन्य जानकारी दिए जाने के दिशा-निर्देश पुलिस अधीक्षक सूरजपुर ने दिए थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मधुलिका सिंह के मार्गदर्शन में शासकीय कन्या उ0मा0वि0 विश्रामपुर के चयनित स्टूडेंट पुलिस कैडेट के छात्राओं ने गुरूवार, 2 फरवरी को थाना विश्रामपुर का भ्रमण किया और पुलिस व थाना के कार्यो को गहनता से जाना।थाना विश्रामपुर के भ्रमण पर पहुंचे स्टूडेंट पुलिस कैडेट के छात्राओं को सीएसपी जे.पी.भारतेन्दु ने थाना भ्रमण कराते हुए पुलिस के कार्यो के बारे में जानकारी दी। थाना प्रभारी के.डी.बनर्जी ने छात्र-छात्राओं को थाना प्रभारी, प्रधान आरक्षक मोहर्रिर, बाल मित्र कक्ष, आगंतुक कक्ष, मालखाना, शस्त्रागार, सीसीटीएनएस शाखा के कार्यो की विस्तृत जानकारी दी। भ्रमण के दौरान स्कूल की एक छात्रा ने सीएसपी से पूछा कि जप्त वाहन का पुलिस क्या करती है, नौकरी लगने पर पुलिस वेरिफिकेशन क्यों किया जाता है जिस पर सीएसपी ने बताया कि पुलिस के द्वारा जप्त किए गए वाहन का न्यायालय के आदेश पर निराकरण किया जाता है तथा किसी व्यक्ति की नौकरी लगने पर उसका चरित्र कैसा है उसकी जांच की जाती है जिसमें उस व्यक्ति का कोई अपराध है या नहीं उसका ब्यौरा उसमें दर्ज होता है। इस दौरान शासकीय कन्या उ.मा.वि. विश्रामपुर के पीटीआई शोभना रंजीत, शिक्षक जयश्री विजय, शशिवादन पटेल, थाना विश्रामपुर के पुलिस अधिकारी-कर्मचारी व स्टूडेंट पुलिस कैडेट के छात्राएं मौजूद रहे।

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3

'सायबर की पाठशाला' : सायबर जागरूकता अभियान कड़ी-3
सायबर की पाठशाला में आज तीसरे पाठ में हम समझने की कोशिश कर रहे हैं कि एक सुरक्षित लिंक कैसा दिखता या होता है। धोखेबाज/अपराधी आम लोगों को ठगने के लिए बैंको के नाम से मिलते जुलते नाम या अक्षरों का प्रयोग करके एक यूआरएल/URL बनाता है और उसे मोबाइल पर सीधे मैसेज के रूप में भेजता है इन लिंकनुमा URL पर क्लिक करते ही आप ठगी के शिकार हो जाते हैं। यदि लिंक में anydesk, mingle, teamviewer जैसे शब्द हैं तो आपके फोन को हैक करने का प्रयास हो रहा है, तुरंत मैसेज डिलिट करें। लिंक पर क्लिक बिलकुल न करें। अनजान व्यक्तियों से फोन पर ज्यादा बात न करें और न ही उन्हें किसी भी तरह की जानकारी दें चाहे कुछ भी हो जाए। तभी आप ठगी से बच पाएंगे। इस तरह के फर्जीवाड़ों पर और विस्तार से जानकारी के लिए इस श्रृंखला पर नजर बनाए रखें। पिछले पाठों को फिर से जानने के लिए/ पुनरावलोकन के लिए तस्वीर पर क्लिक करें या ऊपर के संबंधित टैब (सायबर की पाठशाला) पर क्लिक करें।